Uttarakhand News 17 May 2025: Rishikesh Crime: नितिन देव की हत्या के लिए सुपारी देने वाले विपिन नैय्यर ने हत्याकांड में अपने बचने का रास्ता तलाशने के लिए एलीबाई (दूसरी जगह मौजूदगी) रचकर बचने का प्रयास किया। नितिन और विपिन दोनों ही डैक्कन वैली में पड़ोसी थे।
विपिन जब दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में जमानत पर बाहर आया तब उसने डैक्कन वैली में ही शूटरों के लिए फ्लैट की व्यवस्था कराई। नितिन के पड़ोस के फ्लैट नंबर 101 में शूटर नकली आईडी देकर रहे।
गैंगस्टर रामवीर से हुई दोस्ती
विपन नैय्यर और नितिन देव की तनातनी कई समय से चल रही थी। विपिन के डैक्कन वैली में तीन और नितिन के चार फ्लैट ले रखे थे। विपिन आजीविका चलाने के लिए क्या काम करता था, इसकी पुलिस जानकारी जुटा रही है। विपिन ने नितिन के कैफे और रिसॉर्ट को लेकर विभागों में शिकायत की थी।
दुष्कर्म और पाक्सो में जेल जाने और इस मामले की पैरवी में नितिन की सक्रिय भूमिका के बाद विपिन ने हत्याकांड का तानाबाना बुनना शुरू कर दिया। जेल में गैंगस्टर रामवीर से दोस्ती हुई तो उसके बाद हत्या की साजिश रचनी शुरू हुई।
पुलिस के अनुसार मामले में शूटर उपलब्ध कराने वाला बिचौलिया बिमलेश भी आपराधिक प्रवृत्ति का है। सत्रह अप्रैल को जब पहला शूटर डैक्कन वैली में आकर रहने लगा तब 24 अप्रैल को विपिन ने दुष्कर्म-पाक्सो में अपनी जमानत तुड़वा दी और जेल चला गया।
उसने एलीबाई रची, इसमें अपराधी अपने बचाव में यह दिखाने का प्रयास करते हैं कि वह घटना स्थल पर मौजूद नहीं था। पुलिस ने जब कड़ियों को जोड़ना शुरू किया तो विपिन की नितिन से रंजिश, उसका जमानत तुड़वाकर जेल जाना उसे शक के घेरे में ला गया।
फर्जी आईडी पर खरीदे थे दो प्री-एक्टिवेड सिम
शूटरों ने बागपत के जिस नितिन के नाम की आईडी पर फ्लैट किराये पर लिया था वह हत्याकांड की जांच में फर्जी निकली थी। एक शूटर 17 और दूसरा 25 अप्रैल को डैक्कन वैली में आया था। वह दो मोबाइल चला रहे थे।
दोनों ही मोबाइल से केवल गार्ड, स्वीपर और खाना मंगवाने के लिए फोन कर रहे थे। सोसाइटी के बाहर कोई फोन नहीं किया गया। शूटरों ने 22 और 29 मार्च को दिल्ली से फर्जी आईडी पर दो प्री-एक्टिवेड सिम खरीदे थे। शूटरों की तलाश में पुलिस टीमें दबिश दे रहीं है।
पुलिस टीम को पचास हजार का इनाम
डीजीपी दीपक सेठ ने पुलिस टीम को पचास हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है। पुलिस टीम में इंस्पेक्टर मुनिकीरेती प्रदीप चौहान, एसएसआई योगेश पांडे, एसआई प्रदीप रावत, आशीष शर्मा, किशन देवरानी, मनोज ममगाईं, धनंजय सिंह, प्रवीण रावत, अरविंद रतूड़ी, हेड कांस्टेबल सुरेश रमोला, प्रवीण नेगी, सुरेंद्र पाल, कांस्टेबल कपिल देव, आशा रावत, अक्षी सैनी, शशि, इंस्पेक्टर सीआईयू एश्वर्य पाल, एसआई ओमकांत भूषण, दिलबर सिंह नेगी, राजेंद्र रावत, आशीष रावत, अतिरिक्त उप निरीक्षक सुंदर लाल, हेड कांस्टेबल विकास सैनी, कांस्टेबल आशीष नेगी, नजाकत, रविंद्र शामिल रहे।