Uttarakhand News 09 Aug 2024: तस्लीम जहां की 11 वर्ष की मासूम तंजीला को अपने सिर से अम्मी का साया उठ जाने का बिल्कुल भी एहसास नहीं हैं। वह अब भी लोगों की भीड़ के बीच अपनी मां की राह ताक रही है और परिजनों से पूछ रही है कि उसकी अम्मी कब आएगी।
तस्लीम जहां की 11 वर्ष की मासूम तंजीला को अपने सिर से अम्मी का साया उठ जाने का बिल्कुल भी एहसास नहीं हैं। वह अब भी लोगों की भीड़ के बीच अपनी मां की राह ताक रही है और परिजनों से पूछ रही है कि उसकी अम्मी कब आएगी। जवाब में परिजनों के आंखों से सिर्फ आंसू ही टपक रहे हैं। बृहस्पतिवार को गदरपुर थाने के सामने चाय बेचने वाले वार्ड नंबर नौ निवासी नफीस अहमद की बेटी तस्लीम का क्षत विक्षत शव मिला था। तस्लीम 30 जुलाई से घर नहीं लौटी थी।
करीब 12 वर्ष पहले तस्लीम जहां का तलाक हो गया था। तब उसकी गोद में छह माह की तंजीला थी, जिसे अपने नाना नफीस अहमद, नानी नईम जहां के अलावा छह मौसी और मामा रफी का सहारा मिला।
शौहर से तलाक के बाद तस्लीम अपने माता-पिता पर बोझ नहीं बनना चाहती थी। उसने कामकाज करना शुरू किया। पिछले सात साल से वह रुद्रपुर में रहकर कई अस्पतालों में काम कर चुकी थी। बेटी तंजीला के सुनहरे भविष्य के लिए तस्लीम ने उसका रुद्रपुर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में दाखिला कराया, जहां वो कक्षा चार में पढ़ रही है। घर में शोक जताने वाले के लिए लोग पहुंच रहे हैं। मां की मौत से अंजान तंजीला अब भी तस्लीम जहां का इंतजार कर रही है।
परिजन बोले- तस्लीम को नहीं थी किसी तरह की परेशानी
तस्लीम की मौत से परिजन स्तब्ध हैं। तस्लीम की छोटी बहन मुस्कान का कहना है कि उसको किसी से खतरा या कोई परेशानी नहीं थी। अन्य बहनें भी आए दिन तस्लीम के यहां आकर उसके सुख-दुख की साथी बनती थी लेकिन तस्लीम की ओर से उन्हें कभी भी ऐसा कुछ महसूस नहीं हुआ कि वो परेशान है।
तस्लीम की दो छोटी बहनों शाइन और रिजवाना का निकाह हो चुका है। तस्लीम तीन वर्ष से एक निजी अस्पताल में काम करने जाती थी। ड्यूटी के बाद उसे जिम भी जाने का शौक था। पिता नफीस अहमद ने किसी साजिश का अंदेशा जताया। उनका कहना है कि जब से उनकी बेटी तस्लीम लापता हुई अस्पताल प्रबंधन ने उसकी सुध नहीं ली और न ही उसके बारे में कोई जानकारी सांझा की है। तस्लीम के परिजनों उसकी मौत की निष्पक्ष जांच और दोषी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की।