Uttarakhand News, 26 अक्टूबर 2022: यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि भारतवंशी ब्रिटिश समुदाय से आने वाले ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के सिर पर ​कांटों का ताज है। यूके के नए राजा चार्ल्स से मिलने के बाद तेजी से सरकार गठन की प्रक्रिया में जुटे सुनक के सामने सबसे बड़ी चुनौती ब्रिटेन की चरमराती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना और अपने देशवासियों में भविष्य के प्रति एक उम्मीद जगाना। दुनिया भर के विशेषज्ञ पैनी नजर रखे हैं कि वैश्विक उथनपुथल के बीच ब्रिटिश प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने वाले युवा सुनक अर्थ संकट की वर्तमान चुनौती से कैसे और कितने वक्त में पार पा सकेंगे।

हालांकि पद संभालने के फौरन बाद ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए जो शब्द प्रयोग किए वे आशा जगाने वाले तो हैं ही, साथ ही देशवासियों से एक जुड़ाव की अपेक्षा भी झलकाते हैं। अपने भाषण में उन्होंने अर्थव्यवस्था की चर्चा भी की और जनता के भरोसे की बात भी की।

भारतवंशी हिन्दू धर्मानुयायी ऋषि सुनक ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री बनने के बाद आशा से भरे हैं। देश के नाम अपने प्रथम संबोधन में जहां रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध तथा कोरोना के कारण देश के गंभीर आर्थिक संकट का सामना करने की बात की, वहीं उन खामियों पर भी बात की जिन्हें ठीक करने के लिए ही उनका चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि वे फौरन उन चूकों को ठीक करने का काम शुरू करने वाले हैं। उन्होंने जनता से वादा किया कि वर्तमान चुनौतियों का सामना करके उनसे निपटा जाएगा।

210 साल बाद ब्रिटेन के पहले हिन्दू प्रधानमंत्री बने 42 साल के सुनक के भाषण में सबसे महत्वपूर्ण और उम्मीद जगाती बात लगी कि वे भावी पीढ़ी के सिर पर कर्ज का बोझ नहीं रहने देंगे। वित्त और अर्थ की गहन समझ रखने वाले सुनक के प्रति ब्रिटेनवासियों में भरोसा तो है। इसलिए लोगों ने उनकी यह बात बहुत सकारात्मक तरीके से ली है। उन्होंने कहा कि ‘मैं आने वाली पीढ़ियों को कर्ज के साथ नहीं छोडूंगा, हमें यह नहीं कहना पड़ेगा कि भुगतान की दृष्टि से हम कमजोर रहे’।

सुनक ने कहा कि उनकी सरकार इस तरह की अर्थव्यवस्था खड़ी करेगी, जो ‘ब्रेक्जिट’ से मिले अवसरों का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा पाएगी। उन्होंने भरोसा जताया कि इस समर्थन को पूरी प्रामाणिकता के साथ निभाते हुए जनता के लिए काम करेंगे। उनका कहना था कि ‘भरोसा जीता जाता है’ और वे जनता का भरोसा जीतेंगे।

उन्होंने सं​कल्प लिया कि बेहतर स्कूल, सुरक्षित सड़कों, सीमाओं पर नियंत्रण, पर्यावरण सुरक्षा, सशस्त्र बलों को समर्थन और अमीर-गरीब के बीच दरार को पाटने का काम करेंगे। सुनक ने यह भी कि वे सिर्फ शब्दों से ही नहीं बल्कि काम के माध्यम से देश को एकजुट रखेंगे। इस मौके पर सुनक पूर्ववर्ती बोरिस जानसन और लिज ट्रस की तारीफ करना भी नहीं भूले। बोरिस की उपलब्धियों को उन्होंने ‘अविश्वसनीय’ बताया। अपनी सरकार की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में हर स्तर पर ईमानदारी, पेशेवराना व्यवहार और जवाबदेही होगी। वे भरोसे को जीतने के लिए काम करेंगे।

उल्लेखनीय है कि सुनक ने पार्टी का नेता चुने जाने के बाद कहा था कि वे सत्यनिष्ठा और विनम्रता के साथ जनता की सेवा करने का वादा करते हैं। उन्हें सबसे पहले देश को एकजुट रखने की जरूरत होगी। उनका कहना था कि इसमें कोई शक नहीं है कि ब्रिटेन एक महान देश है, लेकिन वर्तमान में देश गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है।

सुनक से पहले सिर्फ 44 दिन सरकार चला पाईं लिज ट्रस चरमराती अर्थव्यवस्था को संभालने में असफल रही थीं। उनकी सरकार पर विपक्ष हमलावर था और उनसे बढ़ते कर्ज के बोझ पर लगातार सवाल पूछे जा रहे थे। विशेषज्ञों की खास दिलचस्पी इसी बात में है कि विरासत में मिलीं ऐसी मुश्किलों को सुनक किस तरह दूर कर पाएंगे।