Uttarakhand News 8 अक्टूबर 2022: उत्तराखंड में हुई भर्ती परीक्षाओं में धांधली (UKSSSC Recruitment Exam Scam) के मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इसी क्रम में उत्तराखंड STF ने कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी लोगों पर परीक्षाओं में हुई धांधली में शामिल होने का आरोप है। बता दें कि यह कार्रवाई सीएम धामी के निर्देश के बाद हुई है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने पिछले कई अवसरों पर कहा है कि वो अपने युवा भाई बहनों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे, सरकारी नौकरियों की भर्ती में भ्रष्टाचार का जो दीमक लगा है, उसे वे जड़ से मिटा देंगे।
बता दें कि UKSSC द्वारा 2016 में कराई गई VPDO भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच में शनिवार, 8 अक्टूबर को पूर्व चेयरमैन आरबीएस रावत, सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार किया गया है। इन्हें जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा। STF ने भर्ती जांच परीक्षा मामले में चल रही जांच में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। साल 2016 के इस मामले में लंबे समय से जांच चल रही थी, लेकिन मुख्यमन्त्री के कड़े रुख के बाद जांच एजेंसियों ने भी तेजी दिखाई। 6 साल से लंबित मामले में हुई इस कार्रवाई के बाद युवाओं को बड़ी राहत मिली है।
उत्तराखंड भर्ती परीक्षा घोटाला
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई। यह परीक्षा प्रदेश के सभी 13 जिलों के 236 परीक्षा केंद्रों में आयोजित की गई थी, जिसमें कुल 87,196 परीक्षार्थियों ने भाग लिया गया था। 30 मार्च, 2016 को परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया था। जिसमें धांधली की शिकायत अभ्यर्थियों ने की थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए 2017 में उत्तराखंड शासन ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की थी। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा में अनियमितताओं को देखते हुए रिजल्ट को रद्द कर दिया गया।
इसके बाद साल साल 2019 में जांच विजिलेंस टीम को सौंपी गई। जांच के बाद विजिलेंस टीम ने सरकार की अनुमति के बाद साल 2020 में IPC की धाराओं 420/ 468/ 467/ 120B और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) के तहत मुकदमा दर्ज किया। मुकदमा दर्ज होने के बाद साल 2020 से 2022 तक मामले की जांच देहरादून विजिलेंस कर रही थी। 2022 में सीएम धामी ने मामले पर तेजी दिखाते हुए जांच को STF को ट्रांसफर कर दिया गया।