देहरादून, 23 सितंबर 2022: उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आ रही है, उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय में की नियुक्तियों में अनिमितता के मामले में विधानसभा अध्‍यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने बड़ा फैसला लिया है।

उत्तराखंड विधानसभा में जिम्मेदारों के द्वारा बैकडोर से नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की गईं। जिसका खुलासा तीन सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट में हो गया। उत्तराखंड विधानसभा भर्ती मामले में तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट गुरुवार देर रात विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को सौंप दी। जिसके बाद शुक्रवार दोपहर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने प्रेसवार्ता की। जांच रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ने साल 2016 में हुईं 150, 2020 में हुईं छह और 2021 की हुईं 72 तदर्थ नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। उन्होंने बताया कि 2011 से पहले की नियक्तियां रेगुलर हैं, उन पर कानूनी राय लेने के बाद निर्णय लिया जाएगा।

जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा में 32 पदों पर हुई सीधी भर्ती परीक्षा और उपनल द्वारा 22 नियुक्तियों को भी रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही 32 पदों पर परीक्षा कराने वाली लखनऊ की एजेंसी की भी जांच की जाएगी। जांच समिति के अध्यक्ष डीके कोटिया, एसएस रावत और अवनेंद्र सिंह नयाल रहे।

बताते चलें कि भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर युवाओं का आक्रोश चरम पर है। वहीं इस बीच डीजीपी अशोक कुमार का बयान सामने आया है कि यूकेएसएसएसी पेपरलीक मामले में की जा रही एसटीएफ की जांच अंतिम चरण पर है। मामले में 41 आरोपियों की गिरफ्तारी कर चुकी एसटीएफ अब जांच के अंतिम पड़ाव पर है। वहीं डीजीपी के इस बयान के बाद युवाओं और सामाजिक संगठनों में आक्रोश है। युवा लगातार भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।