Uttarakhand News, 4 अक्तूबर 2022 उत्तरकाशी: उत्तरकाशी के द्रौपदी के डांडा-2 पर्वत चोटी पर ये हिमस्खलन हुआ. इसमें नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग के कुल 29 पर्वतारोहियों के फंसे होने की खबर है निम का प्रशिक्षण दल द्रोपदी का डांडा में एवलांच की चपेट में आने से 29 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास (ग्लेशियर के बीच में बड़ी दरार) में फंसे हैं। जिन्हें निकालने के लिए निम की तरफ रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। क्रेवास फंसे आठ प्रशिक्षणार्थियों को रेस्क्यू कर निकाला गया है। जबकि 29 लोग अभी भी क्रेवास में फंसे हैं।
नेहरु पर्वतारोहण संस्थान निम का डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में बीते 22 सितंबर से बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षण चल रहा था। बेसिक प्रशिक्षण 97 प्रशिक्षार्थी, 24 प्रशिक्षक व निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग शामिल थे। जबकि एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व 9 प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शमिल थे।
एवलांच की चपेट में आने से 29 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास में फंस गए: प्रशिक्षण के दौरान द्रोपती का डांडा के पास एवलांच की चपेट में आने से 29 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास में फंस गए। द्रोपदी के डांडा में क्रेवास में फंसे आठ लोगों को निम ने रेस्क्यू कर निकाल दिया है। जबकि 29 लोग अभी क्रेवास में फंसे हैं। जिन्हें निकालने के लिए निम की तरफ से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि क्रेवास में फंसे लोगों को निकालने के लिए निम द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। घटना स्थल पर निम के पास दो सैटेलाइट फोन मौजूद हैं। रेस्क्यू अभियान के लिए निम के अधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से की बात: वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घटना का संज्ञान लिया है। इस संबंध में उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन होने के कारण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के 28 प्रशिक्षार्थियों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से वार्ता कर रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद लेने हेतु अनुरोध किया है। जिसको लेकर उन्होंने हमें केंद्र सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता देने के लिए आश्वस्त किया है।
प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए निम की टीम के साथ जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आइटीबीपीके जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
शासन ने एयरफोर्स से भी किया संपर्क: एयरफोर्स से भी शासन ने संपर्क किया है। तीन हेलीकॉप्टर रेकी करेंगे और फिर बचाव कार्य किया जाएगा। डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने जानकारी दी कि एसडीआरएफ की टीम कैंप के लिए टेक ऑफ कर चुकी है।
चौराबाड़ी ग्लेशियर के पास सामने आई थी हिमखंड टूटने की घटना: पिछले 10 दिन में केदारनाथ धाम के ठीक पीछे चौराबाड़ी ग्लेशियर के पास हिमखंड टूटने की घटना सामने आई थी। केदारनाथ धाम से सात किलोमीटर पीछे शनिवार एक अक्टूबर को दूसरी बार एवलांच देखा गया था, हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। इससे पहले बीती 22 सितंबर को भी मंदिर के पीछे एवलांच देखा गया था। जिसके अध्ययन के लिए वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून के विज्ञानियों की पांच सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण(डीडीएमए) व एसडीआरएफ की टीम भी चौराबाड़ी में कैंप करके वहां लगातार निगरानी कर रही हैं।