आइये जानते हैं गन्दा पानी पीने से हमारे स्वास्थ्य पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है:

एक व्यक्ति को जिंदा रहने के लिए पानी पीना बहुत जरूरी है. हमारे शरीर में 66% पानी होता है. कोई भी इंसान बिना खाने के महीनेभर तक जिंदा रह सकता है, लेकिन बिना पानी के सिर्फ एक हफ्ते. किसी इंसान को स्वस्थ रहने के लिए हर दिन कम से कम 2 लीटर पानी पीना चाहिए. लेकिन क्या ये पानी हमें वाकई हेल्दी बना रहा है? इसका जवाब शायद ‘नहीं’ है.
दरअसल, आज के समय में हम पानी तो पी रहे हैं, लेकिन वो ‘जहर’ बन चुका है. ये बात सरकार ने संसद में मानी है।

देश में पानी की गुणवत्ता खराब होती जा रही है. केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि देश के लगभग सभी राज्यों के ज्यादातर जिलों के हिस्सों में ग्राउंड वाटर में जहरीली धातुओं की मात्रा तय मानक से ज्यादा पाई गई हैं. 2 लीटर पानी भी हर रोज पी रहे हैं, तो कुछ न कुछ मात्रा में जहर भी आ रहा है।

ग्राउंड वाटर में आर्सेनिक, आयरन, सीसा (लीड), कैडमियम, क्रोमियम और यूरेनियम की मात्रा तय मानक से ज्यादा होने का सीधा-सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है।

आइये जानते हैं गन्दा पानी पीने से हमारे स्वास्थ्य पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है:

  • आर्सेनिक ज्यादा होना मतलब त्वचा से जुड़ी बीमारियां और कैंसर का खतरा बढ़ना.
  • आयरन ज्यादा होने का मतलब अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियां हो सकतीं हैं.
  • पानी में सीसा की मात्रा ज्यादा होना हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकता है.
  • कैडमियम की मात्रा ज्यादा होने से किडनी से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है.
  • क्रोमियम की मात्रा ज्यादा होने से छोटी आंत में हाइपरलेशिया डिफ्यूज हो सकता है, जिससे ट्यूमर होने का खतरा बढ़ जाता है.
  • पीने के पानी में यूरेनियम की मात्रा ज्यादा होने से किडनी से जुड़ी बीमारियां और कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

साफ पानी पीने के उपाय

  • पानी को पूरी तरह से स्वच्छ और कीटाणु रहित बनाने के लिए कम-से-कम उसे २० मिनट उबालना चाहिए।
  • कैंडल वाटर फिल्टर : इसमें समय-समय पर कैंडल बदलने की जरूरत होती है, ताकि पानी बेहतर तरीके से साफ हो सके।
  • पानी को कांच की बोतल में भरकर 8 घंटे के लिए धूप में रखने से भी यह साफ होता है।
  • पानी को साफ करने के लिए इसे पीतल, तांबे या मिट्टी के बर्तन में 100 डिग्री सेल्सियस पर उबालें और पीने लायक होने पर ही प्रयोग में लें। ध्यान रहे कि एक बार उबाले गए पानी को आप आठ घंटे के भीतर प्रयोग कर लें।