Uttarakhand News, 28 अक्तूबर 2022: रुद्रपुर : उत्तर प्रदेश सचिवालय में नौकरी लगवाने के नाम पर 21.29 लाख रुपये का चूना लगाने वाले आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उसके पास से उत्तर प्रदेश शासन की नंबर प्लेट लगा वाहन भी बरामद किया है। बाद में पुलिस ने आरोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि ट्रांजिट कैंप फुलसुंगा निवासी श्रीपाल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनके दो बेटे और बहू नौकरी की तलाश कर रहे थे। इसी बीच मई 2021 में उनके पुत्र पुष्पेंद्र सिंह की मुलाकात ग्राम अधौली थान सत्तरगंज जिला बाराबंकी निवासी सर्वेश यादव, उसकी पत्नी शालू वर्मा और ग्राम भिखारीपुर थान रतनपुर जिला अंबेडकरनगर निवासी श्याम मोहन से हुई थी। उन्होंने बताया कि वह क्लीन फर्टिलाइजर मार्केटिंग मैनपावर सर्विस, कंसल्टेंसी एजेंसी के नाम से राज्य एवं केंद्र सरकार के विभागों में स्थाई नौकरी दिलाने का कार्य करते हैं। इस दौरान सर्वेश यादव ने अपने आप को राज्य संपत्ति विभाग, उत्तर प्रदेश सचिवालय में अनुसचिव पद पर कार्यरत बताया और अपना परिचय पत्र भी दिखाया। उनकी बातों पर आकर उन्होंने अलग-अलग तिथियों में बैंक खातों में करीब 21.29 लाख रुपए जमा करा दिए। रकम देने के बाद भी आरोपियों ने उन्हें कोई नियुक्ति पत्र नहीं दिया और रुपये मांगने पर टाल मटोल करते रहे। शक होने पर जब उन्होंने लखनऊ जाकर राज्य संपत्ति विभाग में जानकारी जुटाई तो पता चला कि इस नाम का कोई व्यक्ति वहां कार्यरत ही नहीं है। इस पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी।

एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि जांच में धोखाधड़ी की पुष्टि होने पर थानाध्यक्ष ट्रांजिट कैंप सुंदरम शर्मा की अगुवाई में पुलिस ने आरोपित सर्वेश यादव के घर बाराबंकी उत्तर प्रदेश में दबिश दी। जहां से पुलिस ने सर्वेश को गिरफ्तार कर लिया और धोखाधड़ी में प्रयुक्त काले रंग का वाहन, जिसके नंबर प्लेट पर उत्तर प्रदेश शासन लिखा हुआ था, उसे भी कब्जे में ले लिया। एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि पूछताछ में आरोपित ने 21.29 लाख की ठगी की बात कबूल की। बाद में पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।