Uttarakhand News, 27 अक्टूबर 2022: उत्तराखंड के राजकोष का पैसा कर्मचारियों को बख्शीश देने, मिठाई बांटने, साड़ी शोरूम के बिल भरने, मंदिर में चढ़ावा चढ़ाने के साथ गोल्फ कोर्स के मेंटिनेंस पर खर्च होता है। ‘हिन्दुस्तान’ की आरटीआई के जवाब में उत्तराखंड राजभवन ने उक्त विवरण दिया है। राजभवन के विवेकाधीन कोष से होने वाले खर्च के लिए उत्तराखंड में अब तक कोई नियमावली भी नहीं बन पाई है।

आरटीआई से मिली जानकारी: ‘हिन्दुस्तान’ ने आरटीआई के जरिए, उत्तराखंड राजभवन से वित्तीय वर्ष 2020-21 और 21-22 के दौरान विवेकाधीन कोष से स्वीकृत धनराशि का विवरण मांगा था। इस अवधि में आठ सितंबर 2021 तक बेबी रानी मौर्य राज्यपाल रहीं यानी इसमें उनका 18 माह का कार्यकाल शामिल है। मौर्य अब यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बन चुकी हैं। इसके बाद का लेखा-जोखा वर्तमान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह के कार्यकाल का है।

टिप देने में 14 लाख का खर्च
सूचना के अधिकार के तहत राजभवन से मिले विवरण के अनुसार, पहले साल अलग-अलग मौकों पर टिप मद में 2.84 लाख रुपये खर्च किए गए। इसके अगले साल टिप का खर्च 11.44 लाख रुपये के आंकड़े तक पहुंच गया। इस तरह राजभवन ने दो साल में टिप देने पर ही 14.29 लाख रुपये खर्च होने बताए हैं। टिप के अलावा कर्मचारियों को विभिन्न मौकों पर प्रोत्साहन स्वरूप भी कुल 8.29 लाख रुपये प्रदान किए गए। इस तरह बख्शीश की कुल रकम 22.58 लाख रुपये के पार पहुंच रही है।

साड़ी हाउस और टेलर को भुगतान
विवेकाधीन कोष से सात जनवरी 2021 को उमंग साड़ीज हाउस को 26,533 रुपये का भुगतान किया गया। उसी वर्ष पवन टैक्सटाइल्स, धामावाला को 2,28,375, हैप्पी जनरल स्टोर मोती बाजार को 33,600 और एमजे टेलर्स, सरनीमल बाजार को 3850 रुपये का भुगतान किया गया। अलग-अलग मौकों पर 45,705 रुपये के बिलों का भुगतान और एक मौके पर कर्मचारियों के लिए 26,250 रुपये के पेठा का भुगतान भी किया गया है। साथ ही विभिन्न बकाये का भुगतान भी इसी कोष से किया गया है।
समिति और गोल्फ कोर्स विवेकाधीन कोष के जरिए नैनीताल राजभवन के गोल्फ कोर्स और राजभवन अधिकारी-कर्मचारी कल्याण समिति को भी साल 21-22 में एक-एक लाख रुपये प्रदान किए गए। इसके अलावा राजभवन के विभिन्न कर्मचारियों के अन्य खर्च भी इसी कोष से किए गए हैं। दून के खुड़बुड़ा मोहल्ला निवासी रंजीत यादव को गोवंश संरक्षण के लिए तीन मौकों पर तीन लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया गया।

अयोध्या से कर्नाटक तक दान
राज्यपाल द्वारा 21 सितंबर 2020 को इसी कोष से बदरीनाथ मंदिर में 2700 रुपये की भेंट चढ़ाई गई। उसी महीने राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वामी यतींद्रानंद को 3500 रुपये की भेंट प्रदान की गई। इसी साल श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या, सत्यसांई अन्नपूर्णा ट्रस्ट, चिक्कबल्लापुर, कर्नाटक व अपना घर आश्रम, भरतपुर, राजस्थान को भी एक-एक लाख रुपये दिए गए। बेबी रानी मौर्य के कार्यकाल के अंतिम दिनों में आगरा के एक कार्यक्रम के लिए एडीसी (पुलिस) को भी एडवांस एक लाख रुपये का भुगतान किया गया। कोष से बड़ी संख्या में लोगों को बीमारी के इलाज या दूसरी जरूरतों के लिए मदद भी दी गई। सामान्य तौर पर यह रकम दस हजार रुपये प्रति व्यक्ति है। इसके अलावा मेधावी छात्रों को भी 16 लाख से अधिक की मदद दी गई है।