उत्तराखंड, 22 सितंबर 2022: Uksssc पेपर लीक सहित तमाम अन्य भर्तियों की जांच के साथ अब साल 2015-16 में हुई कुल 356 सब-इंस्पेक्टर भर्ती की जांच(Sub Inspector Recruitment Case) भी शुरू हो गई है. शासन ने विधिवत रूप आदेश मिलने के बाद विजिलेंस में दारोगा घोटालें में इन्वेस्टिगेशन के लिए टीम गठित कर दी है. ऐसे अब भर्ती गड़बड़ी से जुड़े तथ्यों और सबूतों को बारी-बारी से जुटाकर विवेचना को आगे बढ़ाया जाएगा.

बताया जा रहा है कि विजिलेंस की जांच शुरू होते ही राज्य में खासकर 2015 बैच के दरोगाओं यानी सब इंस्पेक्टरों यानी उप निरीक्षकों में हड़कंप मचा है। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार वर्ष 2015 में उत्तराखंड में 339 दारोगा भर्ती हुए। इनमें से कुमाऊं में 120 दारोगा तैनात हैं। इनमें 46 ऊधमसिंह नगर व 38 नैनीताल, पिथौरागढ़ में 15 और अल्मोड़ा, चंपावत व बागेश्वर में सात-सात दरोगा सेवारत हैं। सभी दारोगाओं का मुख्यालय से रिकार्ड लेकर जांच शुरू कर दी गई है।

यह भी चर्चा है कि विजीलेंस के निशाने पर सबसे पहले वह टॉपर दरोगा हैं, जिनकी कार्यशैली लचर है। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ दरोगाओं को हिंदी लिखने में भी दिक्कत होती है। चर्चा है कि वह केस डायरी भी नहीं लिख पाते और यह काम पैंसे देकर या कोई बहाना बनाकर अपने मातहतों से कराते हैं। ऐसे दारोगाओं पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।