अल्मोड़ा: उत्तराखंड में पशुपालन एक बड़ी आबादी की आजीविका का आधार है। इस आधार को और मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार ने बकरी के दूध का उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई है। योजना के तहत राज्य में पांच गोट वैली यानि बकरी घाटियां बनाई जाएंगी। गोट वैली को पर्यटन के लिहाज से भी विकसित किया जाएगा, ताकि पर्यटक यहां घूमने आ सकें और आजीविका के साधन विकसित हो सकें। जुलाई के पहले हफ्ते में देहरादून में हुई बैठक में पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इस संबंध में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। गोट वैली कहां विकसित की जाएंगी ये भी बताते हैं। रुद्रप्रयाग जिले में अगस्त्यमुनि, पौड़ी में थलीसैंण के अलावा अल्मोड़ा के सोमेश्वर और बागेश्वर के पिंडर व गरुड़ में गोट वैली बनाई जाएगी।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि विभाग ने 5 वैली को गोट वैली के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इससे रोजगार व पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिलेगा। उत्तराखंड में बकरी पालन की काफी अच्छी संभावनाएं हैं। यहां आपको बकरी के दूध में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में भी जानना चाहिए। इसे प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले प्रोडेक्ट के तौर पर जाना जाता है, यही वजह है कि डेंगू के मरीजों को बकरी के दूध के सेवन की सलाह दी जाती है। बकरी का दूध प्री-बायोटिक, एंटी इंफेक्शन और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। सरकार ने राज्य में बकरी के दूध का उत्पादन बढ़ाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इस योजना से किसानों को फायदा पहुंचेगा। साथ ही संबंधित क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी गतिविधियां भी बढ़ेंगी।