Uttarakhand News 3 अक्टूबर 2022 UKSSSC Paper Leak : यूकेएसएसएससी के स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में आरोपित पूर्व भाजपा नेता व जिपं सदस्य हाकम सिंह रावत के सांकरी मोरी स्थित रिसॉर्ट पर आज मंगलवार को बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की जानी है। जिसे लेकर जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न थानों की पुलिस फोर्स मौके पर तैनात की गई है।

यूकेएसएसएससी के स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रश्न पत्र के लीक मामले में आरोपित पूर्व भाजपा नेता व जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत के सांकरी मोरी स्थित वन विभाग की भूमि पर बने दो रिसॉर्टों पर आज मंगलवार को बुलडोजर चलने की पूरी संभावना है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न थानों के पुलिस बल मौके पर तैनात हो गए हैं।

ग्रामीणों ने जेसीबी का रास्ता रोका: आज वन विभाग की भूमि पर बने दो रिसॉर्ट को आज तोड़ा जाना है। इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बची नोकझोंक भी हुई। ग्रामीणों ने भारी हंगामा किया और धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने जेसीबी का रास्ता रोक दिया। लेकिन प्रशासन और वन विभाग की सख्ती के बाद कुछ ग्रामीणों ने अवैध रिसॉर्ट की छत व लकड़ियों को सुरक्षित निकालने का काम खुद शुरू किया।

बताया गया है कि इसके लिए प्रशासन व वन विभाग ने लोक निर्माण विभाग की दो जेसीबी मौके पर बुलाई हैं। वहीं रिसॉर्ट तोड़े जाने की सूचना पर हाकम सिंह की पत्नी व परिजन भी बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे हैं। मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ भी जमा है। लोग फिर से जांच करने की मांग कर रहे हैं। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर एसडीएम कोर्ट ने पुनः हाकम सिंह रावत के सांकरी रिसॉर्ट की नाप-छाप के निर्देश दिए थे। जांच में हाकम के राजस्व विभाग की 1.128 हेक्टेयर भूमि पर बने आलीशान रिसॉर्ट सहित तीन भवन राजस्व भूमि पर चिन्हित किए गए हैं। जबकि दो भवन और 0.907 हेक्टेयर भूमि पर 130 पेड़ों का सेब का बागीचा गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय उद्यान की भूमि पर चिन्हित किया गया है। इन रिसॉर्ट का निर्माण पिछले 12 वर्षों के अंतराल में हुआ है। इन रिसॉर्ट को बनाने की न तो कहीं से अनुमति ली गई और न इनका कोई पंजीकरण किया। जो पूरी तरह से अवैध हैं। जांच के बाद अवैध रिसॉर्ट को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने इसकी पुष्टि की है।

दस वर्ष में हाकम सिंह रावत ने बनाए पांच रिसॉर्ट: हाकम सिंह रावत ने सबसे पहले पत्नी के नाम पर दर्ज भूमि में एक भवन और एक कोठार बनाया। वर्ष 2008-09 से अवैध निर्माण करना शुरू किया। वन विभाग की भूमि पर दो रिसॉर्ट तैयार किए। जबकि राजस्व भूमि पर तीन रिसॉर्ट बनाए। इन रिसॉर्ट का निर्माण एक रात में नहीं हुआ है। बल्कि पिछले 12 वर्षों के अंतराल में हुआ है। इन रिसॉर्ट को बनाने की न तो कहीं से अनुमति ली गई और न इनका कोई पंजीकरण किया। जो पूरी तरह से अवैध हैं।