उत्तराखंड: कोरोना ने न केवल हजारों लोगों की जिंदगी छीन ली, बल्कि उससे भी ज्यादा लोगों की रोजी-रोटी छीन ली। लॉकडाउन के कारण उद्योग-धंधे और बाजार बंद हुए तो लाखों लोग सड़क पर आ गए। ऐसे लोगों के पास कोई रोजगार नहीं बचा और उनका घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया। लेकिन कोरोना का बुरा दौर निपटने के बाद लोगों को रोजगार मिलने भी लगा है। कोरोना से उबरने के बाद उत्तराखंड में 71 हजार से अधिक लोगों को नौकरियां मिली हैं। यह आंकड़ा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से जारी रिपोर्ट में शामिल किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में 2019-20 में 1.11 लाख नए लोग ईपीएफ से जुड़े थे, जो कि 2022-23 तक बढ़कर 1,82,906 हो गये हैं। ईपीएफओ द्वारा जारी उत्तराखंड के आंकड़ों की बात करें तो 2021-22 से लेकर 2022-23 (मई 2022 तक) नए ईपीएफ धारकों की संख्या करीब 1.82 लाख तक पहुंच गई है। यानी 71443 लोगों को प्राइवेट सेक्टर्स में नौकरी मिली और उनका पीएफ कटना शुरू हो गया है।
अगर आप भी ऐसे लोगों में से एक हैं, और आपको भी नौकरी की तलाश है तो आप भी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से जारी रिपोर्ट में शामिल हो सकते हैं। यहां आपको जल्द से जल्द आपकी पसंद के अनुसार नौकरी मिल सकती है। इन तीन सालों में जितने भी नए पीएफ खाते खुले हैं, उनमें से अधिकांश ने एक्सपर्ट सर्विस, बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री, ट्रेडिंग, टेक्सटाइल्स, स्कूल जैसे 10 बड़े क्षेत्रों में काम करना शुरू किया है। ऐसे में ये सभी लोग संगठित क्षेत्र के कामगारों में शामिल हो गए और पीएफ की श्रेणी में आ गए।