दिल्ली, Uttarakhand News: दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ आपत्तिजनक बयानों और विवादित पोस्ट को हटाने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में उपराज्यपाल के खिलाफ कथित अपमानजनक सामग्री हटाने का आदेश दिया है।
हाई कोर्ट ने आप के इन सभी नेताओं से सोशल मीडिया पर प्रसारित और जारी किए गए कथित झूठे और अपमानजनक पोस्ट, ट्वीट और वीडियो को हटाने के लिए कहा है. संजय सिंह, आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और जैस्मीन शाह को दिल्ली सरकार की ओर से संवाद और विकास आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.
नेताओं ने LG पर लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप: गौरतलब है कि आप नेताओं ने दावा किया था कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके उपराज्यपाल सक्सेना और उनका परिवार 1400 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल था. केवीआईसी के दो पूर्व कर्मचारियों के बयानों का हवाला देते हुए पार्टी और उसके नेताओं ने दावा किया था कि केवीआईसी अध्यक्ष के रूप में उनकी बेटी को अनुबंध दिया गया था, जो नियमों के खिलाफ था.
उपराज्यपाल ने हाई कोर्ट में क्या कहा था?: पिछले हफ्ते गुरुवार को हाई कोर्ट ने एलजी सक्सेना के अंतरिम आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. इस आवेदन में सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन पोर्टलों पर अपमानजनक सामग्री को हटाने की मांग की गई थी. 2 करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग करते हुए उपराज्यपाल ने हाई कोर्ट में कहा था कि आम आदमी पार्टी ने सावधानीपूर्वक नियोजित मकसद से और जांच एजेंसियों की ओर से अपने वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ये आरोप लगाए थे.